शीघ्र विवाह हेतु सिद्ध प्रयोगby Dr. Jitendra Vyas
आज के समय में युवक –युवतियों के विवाह में देरी कुण्डली विद्यमान कई कारणों से हो रही है लेकिन आज इस blog में मैंने उन कारणों का उल्लेख नहीं किया है अपितु शीघ्र विवाह के सटीक उपायों को ही दर्शाया है, इस ब्लॉग को इस विवाह संबन्धित समस्या से ग्रसित सभी माता-पिता अवश्य पढ़ें।
1) जिस कन्या के विवाह योग्य आयु तक या विवाह योग्य आयु निकलने के पश्चात् भी विवाह नहीं हो पा रहा हो तो ऐसी कन्या को घर के वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में स्थित कमरे में रात्री शयन करने के लिए कहना चाहिए यदि उस दिशा/कोण में कमरा न हो तो जो उपलब्ध कमरा है उस में ही वायव्य कोण में शयन करना चाहिए।
नोट: ध्यान रहे किशोरावस्था की कन्याओं को यहाँ न सोने दे या न सुलाएँ यदि ऐसा होता है तो उनमें घर से बाहर किसी लड़के के साथ रहने की प्रवृति (लिव-इन-रिलेशनशनशिप) या बहकावे में आकार किसी के साथ घर छोडकर भाग जाने की संभावना बन सकती है। का पाठ करें।
2) किसी भी युवक-युवती का विवाह यदि मंगल दोष के कारण नहीं हो रहा तो मंगलवार को मंगल यंत्र वाला पंचोपचार पूजन करके पाँच बत्ती वाला जलाएँ, यह दीपक 7 अनाज के आते का मिश्रण करके बनाएँ, साथ ही लाल आसान पर बैठ कर “मंगल चंद्रिका स्तोत्र” का पाठ करें ।
3) कुण्डली में उपस्थित विलम्ब-विवाह के किसी कारण का पता नहीं चल रहा हो तो सप्तमेश रत्न सहित बीसा यंत्र पहनने से 45 दिवस के अंदर ही शुभ परिणाम आते है। www.drjitendraastro.com/bisa
4) विलम्ब विवाह दोष से निवृत्त होने के लिए इच्छुक जातक मंगल वार को अपने मामा से तांबे की अंगूठी भेंट स्वरूप ले ले और अपनी अनामिका में पहनें ॥
5) बुधवार को प्रारम्भ करके इच्छुक जातिका ऊनी आसन्न पर पूर्व व उत्तर में बैठे तथा 48 दिन यह निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें शीघ्र ही शुभ समाचार मिलते हैं।
सिंधूरपत्रम् रतिकामदेहं ।
दिव्याबरं सिंधु समीहितागम ॥
साध्यारूणाम् धनुः पंकजपुष्प बाणम् ।
पंचायुधम् मोहन मोक्षणार्थम् ।
क्लैं मन्मथाय।
महाविष्णु स्वरूपाय ।
महाविष्णु पुत्राय महापुरुशाय ।
पतिसुखम् मे शीघ्र देहि देहि ॥
Blog no.: 56, Date: 21/4/2106
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