समय के साथ बदलते कन्या विवाह योग by डॉ. जितेन्द्र व्यास
ज्योतिष शास्त्र में समय के साथ व समयानुकूल फलादेश के सिद्धांत क्षणिक परिवर्तन करना पड़ता है जो कि आज की आवश्यकता है, तभी फलादेश सही दिशा में जा पाता है। इस उपरोक्त बात का सटीक उदाहरण यह है कि धर्मशास्त्रों में लिखा कन्या विवाह के जो क्रम है उसमें यह कहा गया है कि कन्या पिता के घर में रजस्वला नहीं हो, उससे पूर्व ही उसका विवाह कर देना चाहिए परन्तु आज के परिप्रेक्ष्य में तो यह संभव ही नहीं है, न तो सांसारिक रूप से नहीं कानूनी रूप से क्योंकि भारतीय संविधान तो इसकी आज्ञा ही नहीं देता है। एक अच्छा पिता अपनी कन्या के विवाह को लेकर सदा चिंतित रहता है अतः आज मैं मेरे पाठकों के लिए कन्या के विवाह से संबन्धित blog लेकर आया हूँ जो कि आज के समय के अनुरूप प्रासंगिक है। चूंकि दुनिया में कोई भी नियम समाज व व्यक्ति पर तो लागू हो सकता है परन्तु लेकिन प्रकृति पर नहीं, इसके नियामक तो ग्रह-नक्षत्र ही हुआ करते हैं। इस ब्लॉग में मैंने सिर्फ कन्या विवाह के समय-काल का भान करवाया है। मेरे सारे जीवन के अनुभव व ज्योतिषीय समीकरणों का सामंजस्य बैठा कर कन्या के बदलते विवाह योग व समय को बतलाने का प्रयास किया है। मेरे यह सिद्धांत शास्वत सत्य तो नहीं है, लेकिन कुछ अपवादों को छोड़ कर प्राय: ऐसा होता देखा गया है, वैसे तो विवाह योग वर्ष में महादशा-अंतरदशा इत्यादि अन्य कई समीकरण होते हैं, लेकिन मैंने यहाँ लग्नानुसार विवाह के काल को बताया गया है।
1) मेष लग्न की कन्या के विवाह वर्ष 17, 18,22,26 या 29 हुया करते हैं।
2) वृष लग्न की कन्या का 19, 21, 24, 26, 29 एवं 33 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
3) मिथुन लग्न की कन्या का 18, 21, 24, 27, 30 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
4) कर्क लग्न की कन्या का 17,18,21,23, व 25 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
5) सिंह लग्न की कन्या का 18, 20, 22, 25, 27 एवं 31 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
6) कन्या लग्न की कन्या का 18,21,22, 24, 26, 28 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
7) तुला लग्न की कन्या का 17, 19, 22,23, 25 एवं 29 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
8) वृश्चिक लग्न की कन्या का 18, 21,23,24,27, 32 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
9) धनु लग्न की कन्या का 18, 19, 22, 23, 27 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
10) मकर लग्न की कन्या का 19, 22, 23, 26, 28 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
11) कुंभ लग्न की कन्या का 17, 18, 21, 22, 24, 27, 28, 34 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
12) मीन लग्न की कन्या का 18, 21, 24, 25, 27, 28, 31 वां वर्ष विवाह कारक होता है।
नोट: यदि कन्या के विवाह योग्य दशा, काल या यह उपरोक्त वर्ष निकाल जाए तो निम्नलिखित उपाय करने चाहिए।
1) सप्तमेश व वक्री ग्रहों को ठीक करें, सप्तमेश का व वक्री ग्रह का रत्न जड़ित बीसा यंत्र पहनें।
2) यदि मंगलका दुष्प्रभाव है तो वह भी ठीक करें।
3) नवमांश के लग्नेश का भी उपाय कर, ठीक करें।
Blog no. 60, Date: 9/6/2016
सम्पर्क: डॉ. जितेन्द्र व्यास
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