राहुल गाँधी का राजनैतिक भविष्य

राहुल गाँधी का राजनैतिक भविष्य : ज्योतिषीय मत

Rahul Gandhi ki Kundliआज इस blog में मैंने राजनेता व काँग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी के राजनैतिक जीवन का ज्योतिषीय पहलू उद्गारित किया है, उनकी कुंडली मकर लग्न की है, लग्नेश शनि चतुर्थ भाव में नीचगत है अतः उनके में नेतृत्व मे कमी है, उनकी वाणी में ओझ की भी कमी है, वाक्पटुता की कमी है तथा इसी कारण वह “Non Crowd Puller” हैं।

चौथा भाव मन का होता है वहीं यह लग्नेश शनि बैठा है और चतुर्थेश मंगल भी षष्ठ भाव में पापपीड़ित है इसीलिए उनका मन विचलित रहता है कभी किसी मुद्दे पर बोलते  हैं ओर कभी नहीं, कभी विदेश चले जाते हैं तो कभी मनमोहन सरकार के प्रस्तावित अध्धादेश को मीडिया के सामने फाड़ देते हैं, भाषण में एक ही बात को लगातार कहते रहते हैं। लग्नेश व चतुर्थ भाव का पाप पीड़ित होना उन्हें चंचल मन-बुद्धि जातक बनाता है। ऐसे जातक को कभी कुछ भी कहने व बोलने का मन करता और वह बिना बोले-समझे कुछ भी बोल देता है। जो कि जगजाहिर भी है। चतुर्थ भाव व चतुर्थेश माँ से भी संबन्धित होते हैं अतः इनका पाप पीड़ित होना जातक की तरफ से उसकी माँ के लिए तकलीफ व चिंतित होने का संकेत है जैसे की विदित है सोनिया गाँधी इनके प्रधानमंत्री पद तक पहुँचने को लेकर सदैव चिंतित रहती है और मैं आपको बता दूँ हमेशा रहेगी भी। इनका दशमेश (पद) शुक्र केंद्र मे विराजित है यह पद के लिए तो संकेत करता है परंतु यह वैसा योग कारक नहीं है जो की इनको देश का नेतृत्व करवा दे, अतः न तो ये मंत्री पद भोग सके न ही ये विपक्ष के नेता चुने गए और न ही काँग्रेस अध्यक्ष बन पायेंगे।

R gandhi ki nawmansh kundliदशम भाव में वक्री गुरु ग्रह विराजित है, गुरु स्थान हानि करता है, लेकिन सोम्य ग्रह जैसे गुरु इत्यादि यदि वक्री हो तो फल भी अधिक देते हैं । अभी सप्तमेश चंद्रमा की दशा चल रही जो की नीचगत होकर एकादश भाव में विराजित है, एकादश भाव जातक के मनन, चिंतन व श्रवण का होता है इस भाव के पापपीड़ित होने से व्यक्ति में यह सभी (मनन, चिंतन व श्रवण) विशेषताएं क्षीण हो जाती है जो की राहुल गाँधी की कुंडली में और उनके जीवन में दृष्टव्य है। सप्तमेश जातक के विवाह के लिए भी उत्तरदायी होता है, सप्तमेश चंद्रमा नीचगत है अतः आज 45 वर्ष की आयु में भी विवाह नहीं हो पाया है, बृहस्पति भी चन्द्र में से द्वादश भाव में हैं इसलिए आगे भी विवाह का कोई योग नहीं दिख रहा है। गुरु की सप्तम, नवम व पंचम दृष्टियां होती है, गुरु वक्री भी है इसकी पंचम दृष्टि द्वितीय भाव (कुटुम्ब का) पर है, यदि ऐसी स्थिति बनती है तो जातक की विवाह योग्य आयु निकाल जाने पर भी वह अविवाहित रहता है।

अभी इस कुंडली में ग्रहण योग चल रहा अर्थात् चंद्रमा की महादशा में राहू का अंतर चल रहा है जो की 28/9/2016 तक चलेगा, इस समय पर्यन्त में इनका राजनैतिक भविष्य उत्तरोत्तर क्षीण होता जाएगा। कुंडली बहुत ही साधारण है, इसमे कोई विशेष योगों की युति नहीं है। तो प्रश्न यह उठता है कि ये बिन योगों के भी ऐसी जीवन शैली कैसे जी रहे हैं, मैं आपको बताऊँ ऐसा नहीं है क्योंकि कुंडली का नवम भाव पैतृक (बाप-दादा) सम्पदा व आशीर्वाद से संबन्धित है तो राहुल गांधी को भी जो कुछ मिला है वह सब पैतृक आशीर्वाद ही है, नवमेश बुध पंचम भाव अर्थात वृष राशि में है (त्रिकोणेश त्रिकोण भाव में है) और नवमांश कुंडली में इसी वृष राशि में वर्गोत्तम है अतः इनकों जो कुछ भी मिला है पितृ आशीर्वाद से मिला है नाकि इनकी मेहनत से। नीचगत चंद्रमा कि महादशा अप्रैल 2023 तक चलेगी अतः उनकी पार्टी जिस-जिस चुनाव में उन्हें आगे करने कि गलती करेगी तो वह हानी कारक रहेगा। मैं आज यह भविष्यवाणी करता हूँ कि राहुल गांधी 2020 का लोक सभा चुनाव हारेंगे क्योंकि उस समय चन्द्र में बुध का अंतर चलेगा।

Blog No. 41, Date: 24/9/2015

Contact: 09928391270

dr.jitendra.astro@gmail.com

प्रातिक्रिया दे