कोर्ट केस, सजा, जमानत और ज्योतिष

कोर्ट केस, सजा , जमानत और ज्योतिष by Dr. Jitendra Vyas
 
court pic समान्यतया मनुष्य को अपने कारणो से न्याय के लिये जाना पडता है,न्याय भी प्रकृति के अनुसार ही मिलता है,अगर किसी को न्यायालय न्याय नही दे पाता है तो प्रकृति अपने द्वारा उसे सजा देती है,लेकिन किसी प्रकार का छल या फ़रेब करने के बाद न्याय ले लिया जावे तो वह न्याय नही बेईमानी कही जाती है, प्रकृति ने न्याय, न्यालाय, जज, मुजरिम व वकील  के लिये कुछ ग्रहों, भावों  व कुछ कारकों को नियुक्त किया है, उन्हें आज मैंने अपने इस blog में इस प्रकार से बतलाया है-
कुण्डली का 12 वां घर न्यायालय से संबन्धित होता है, न्याय का ग्रह शनि है, द्वादशेष (12 वे घर का मालिक ) भी कोर्ट कचहरी से सम्बंध करवाता है।
लग्न वादी है —- कुन्डली या प्रश्न कुन्डली में लग्न वादी होता है और वह वाद कुण्डली में लग्नेश के स्थान से पता किया जाता है, लग्नेश पर कब खराब या अच्छे ग्रह प्रभाव डाल रहे होते हैं, तो व्यक्ति को न्यायालय, पुलिस  या वकील का मुंह देखना पद सकता है।
सप्तम स्थान प्रतिवादी का है—-लग्न  से या प्रश्न कुन्डली से सप्तम स्थान प्रतिवादी का होता है,अगर सप्तमेश किसी प्रकार से शक्तिशाली होता है तो प्रतिवादी की जीत होती है,और कमजोर रहने पर वह हार जाता है और वादी की जीत हो जाती है,सप्तमेश का असर जिन जिन राशियों या ग्रहों पर होता है वहीं पर प्रतिवादी अपना खराब असर देता है।
शनि का द्वादश भाव से सम्बंध  व केतु का षष्ठ भाव से  दोनो मिलकर वकील से मिलाते हैं ,न्यायालय में जाने के लिये वकील की जरूरत पडती है, शनि और केतु यदि जन्मांग मे सुदृढ़ हैं  तो वकील ठीक मिलता है,और शनि केतु ठीक नही है तो वकील भी परेशान करते है।
जज शनि  स्वरूप होता है, चूंकि जज कठोर निर्देश देता है अतः वह वह शुक्र व गुरु का भी रूप है।
जन्म कुन्डली की या प्रश्न कुन्डली की स्थिति को देखकर पता किया जाता है कि शुक्र व गुरु किस भाव में है और शुक्र व गुरु पर किस किस ग्रह का असर जा रहा है,शुक्र व गुरु के ऊपर जिस ग्रह की नजर होती है जज उसी प्रकार का न्याय देता है,और शुक्र व गुरु जिस ग्रह को अपना असर देता ग्रह को उसी प्रकार से न्याय लिखना पडता है।
शनि बुध इतिहासिक न्याय कर्ता है
कुन्डली में अगर किसी प्रकार से शनि और बुध की युति से न्याय लिखा जाता है तो वह इतिहासिक न्याय कहा जाता है,और उस न्याय के द्वारा अन्य लोगों को न्याय देने के लिये वकील या जज उस दिये गये न्याय का हवाला अदालत में देते हैं।
न्याय मिलने की अवधि शनि तय करता है
कर्म और फ़ल का दाता शनि न्याय के समय को निश्चित करता है,राहु वादी प्रतिवादी को भ्रमित करने के बाद न्यायालय में घुमाते रहते है,और वकील के लिये कमाई का साधन राहु ही करवाता है।
राहु का कार्य दो को लडाकर दूर बैठकर तमाशा देखना है
दो व्यक्तियों को चुगली के द्वारा या अन्य कारण से राहु भ्रम में डाल देता है,उन भ्रमों के कारण दोनो एक दूसरे से पूंछे बिना ही या किसी प्रकार की राहु की हरकत से ग्रसित होकर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन जाते है,और कोर्ट केश या थाने अदालत के चक्कर लगा लगा कर बरबाद हुआ करते है।
शनि राहु की युति और मंगल की दृष्टि कारागार  है
कुण्डली में शनि राहु की युति को अगर मंगल देखता है तो जेलखाना या नजरबंदी कहा जाता है,लेकिन किसी प्रकार की गुरु या सूर्य की युति जेलखाने के भाव को बदल कर रेलगाडी या वाहन की चलती फ़िरती केटरिंग में बद्ल देते है,यह भाव किसी प्रकार से केतु की उच्चता में गाडियों की रिपेयरिंग का स्थान भी बन जाता है।
द्वितीयेश धन तृतीयेश चैक षष्ठेश बैंक है
दूसरे भाव का मालिक नगद धन का मालिक है तीसरे भाव का मालिक चैक है और छठे भाव का मालिक बैंक है,तीसरे भाव को अगर अच्छा ग्रह देख रहा है तो चैक पास हो जाता है,और अगर कोई गलत ग्रह देख रहा है तो वह चैक अनादरित हो जाता है,उसी प्रकार से दूसरे भाव का मालिक अगर कमजोर है तो बैंक में धन नही है और चैक के द्वारा गलत तरीके से भुगतान किया जा रहा है,तीसरे भाव को राहु के देखने पर झूठा चैक दिया जा रहा है।
नवें भाव का राहु प्रतिवादी को झूठ बुलवाता है
नवां भाव प्रतिवादी के लिये तीसरा भाव बन जाता है, और राहु की सिर्फ झूठ बोलने की होती है,इसलिये प्रतिवादी के अन्दर झूठ बोलने की कला आ जाती है,लेकिन गुरु अगर राहु के साथ है तो गुरुचान्डाल योग बनने से जज को झूठी बात पर भी यकीन हो जाता है और फ़ैसले में झूठे व्यक्ति का फ़ायदा हो जाता है,लेकिन राहु के गोचर में मंगल के साथ पहुंचते ही झूठ से पर्दा उठ जाता है, तथा झूठे तरीके से जीते गये केश का असर अचानक मौत या किसी प्रकार के भयंकर हादसे के रूप में सामने आता है,अथवा झूठी बात या गवाही देने वाले के लिये किसी न मिटने वाली बीमारी के पैदा होने के कारण उसे पूरी सजा जो मिलनी थी वह मिलती है,तथा जो नुकसान झूठी बात या गवाही देने के कारण वादी को हुआ था उसे किसी अन्य मद के जरिये उसकी क्षति पूर्ति हो जाती है,यही प्रकृति का न्याय बोला है।
Remedies(उपाय) :  पुलिस केस, कोर्ट कचहरी के मामलों, गलत वकीलों  से छुटकारा पाने के लिए निम्न लिखित उपाय करें, जल ही जमानत, पर्लो इत्यादि पाने के लिए भी यही उपाय करें …!
1)  “प्रत्यांगिरा जप अनुष्ठान” करें या विज्ञ ऋत्विज से संकल्पित करवाएँ ।
2) द्वादशेश का अभिमंत्रित बीसा रत्न जड़ित यंत्र गुरु से आज्ञा लेकर शीघ्र पहनें ।
3) कुण्डली में पाप पीड़ित शनि, बृहस्पति व शुक्र का उपाय करें, यह उपाय गुरुमुखी है।
4) शतचंडी विधान यज्ञ करवावें।
5) भैरव उपासना व लघुमृत्युंजय जप हवन करें।
नोट: कोई भी उपाय करने से पहले अपनी कुण्डली समझदार, जानकार व विज्ञ ज्योतिर्विद को दिखाएँ व उसकी सलाह व निर्देशन में उपाय करें।
Blog no. 58 , Date: 6/5/2016
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