स्त्री को भी अंतिम संस्कार का अधिकार

स्त्री को भी अंतिम संस्कार का अधिकार : शास्त्रार्थ विवेचना  blog written by Dr. Jitendra Vyas       सदियों से एक प्रथा अनवरत चल रही है कि स्त्री दाह संस्कार यानि अंतिम संस्कार नहीं कर सकती, जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी आप, मैं और हमारा पूरा समाज निभाता चला आ रहा है, मेरे मन में यह प्रश्न वर्षों से कोंधता रहा है कि …

समय के साथ बदलते कन्या विवाह योग

समय के साथ बदलते कन्या विवाह योग by डॉ. जितेन्द्र व्यास ज्योतिष शास्त्र में समय के साथ व समयानुकूल फलादेश के सिद्धांत क्षणिक परिवर्तन करना पड़ता है जो कि आज की आवश्यकता है, तभी फलादेश सही दिशा में जा पाता है। इस उपरोक्त बात का सटीक उदाहरण यह है कि धर्मशास्त्रों में लिखा कन्या विवाह के जो क्रम है उसमें …

वशीकरण प्रयोग, इस्लामी तन्त्र व ज्योतिष : एक सार्थक विश्लेषण

वशीकरण प्रयोग, इस्लामी तन्त्र व ज्योतिष : एक सार्थक विश्लेषण by डॉ. पं. जितेन्द्र व्यास     मेरे विश्वसनीय शोध में यह निकल के आया है की हमारे ज्योतिष शास्त्र व इस्लामी ज्योतिष में बहुत ही समानता है, यद्यपि सभी शास्त्रों की जननी तो वेदांग ही है। आज मैं इस blog में मेरे पाठकों को वशीकरण से संबन्धित सकारात्मक प्रयोग बतायूंगा …

कोर्ट केस, सजा, जमानत और ज्योतिष

कोर्ट केस, सजा , जमानत और ज्योतिष by Dr. Jitendra Vyas    समान्यतया मनुष्य को अपने कारणो से न्याय के लिये जाना पडता है,न्याय भी प्रकृति के अनुसार ही मिलता है,अगर किसी को न्यायालय न्याय नही दे पाता है तो प्रकृति अपने द्वारा उसे सजा देती है,लेकिन किसी प्रकार का छल या फ़रेब करने के बाद न्याय ले लिया जावे …

शकुन-अपशकुन:शास्त्रार्थ विवेचना

शकुन-अपशकुन : एक शास्त्रार्थ विवेचना y Dr. Jitendra Vyas 1. शकुन शास्त्र का वैदिक स्वरूप :- संस्कृत में ‘शकुन’, पक्षीविशेष को कहते हैं।1 शब्दकल्पद्रुम के अनुसार- “शक्नोती शुभाशुभं अनेनेती शकुनम्” किसी कार्य के समय दिखलाई देने वाले लक्षण जो उस कार्य के संबंध में शुभ-अशुभ की सूचना देते हैं, शकुन कहलाते हैं।2  मेरी मान्यता है कि शकुन का अध्ययन हमारे …

शीघ्र विवाह हेतु सिद्ध प्रयोग

 शीघ्र विवाह हेतु सिद्ध प्रयोगby Dr. Jitendra Vyas           आज के समय में युवक –युवतियों के विवाह में देरी कुण्डली विद्यमान कई कारणों से हो रही है लेकिन आज इस blog में मैंने उन कारणों का उल्लेख नहीं किया है अपितु शीघ्र विवाह के सटीक उपायों को ही दर्शाया है, इस ब्लॉग को इस विवाह संबन्धित …

कर्मवाद और ज्योतिष

कर्मवाद और ज्योतिष by डॉ. जितेन्द्र व्यास  आज के समय में ज्योतिष विषय में अगाध श्रद्धा रखने वाले को भाग्यवादी कहा जाता है, तथा भाग्यवाद का अर्थ स्वकर्म से विमुख होना समझा जाता है, जबकि भाग्य(प्रारब्ध) कभी भी कर्म से दूर रहने को नहीं कहता, अपितु प्रारब्ध का निर्माण ही कर्म से होता है, अतः आज इस Blog में मैंने …