वेलेंटाइन-डे की ज्योतिषीय प्रासंगिकता

वेलेंटाइन-डे की ज्योतिषीय प्रासंगिकता पौराणिक काल में ‘मदन महोत्सव’ मनाया जाता था, उसी का छोटा स्वरूप आज का वेलेंटाइन-डे है। तीसरी सदी में संत वेलेंटाइन ने प्रेमी युगलों को विवाह के लिए प्रेरित करने तथा एकनिष्ठ रहने की प्रेरणा दी थी, उसी दिन से वेलेंटाइन-डे मनाने की परम्परा आरंभ हुयी, लेकिन यह महोत्सव तो भारत वर्ष में सतयुग से चला …

यक्षिणी मंत्र साधना (अकूट लक्ष्मी प्राप्ति) के वैदिक नियम

यक्षिणी मंत्र साधना (अकूट लक्ष्मी प्राप्ति) के वैदिक नियम by Dr. Jitendra Vyas आज यह Blog मैंने उन लाखों साधकों के लिए लिखा है जो सात्विक साधना द्वारा लक्ष्मी के याचक हैं, अपने सुखी जीवन के लिए कई वर्षों से लक्ष्मी याचना में लगे हुये हैं परन्तु उन्हें सफलता नहीं मिल रही, अतः मुझे विश्वास है की मेरा यह ब्लॉग …

(English) Temple Architectural Styles

    Evolution of Temple Architectural Styles By Dr. Pt. Jitendra Vyas In this blog I have discussed about Vaastu architectural styles of Hindu temples. The distinctive architectural styles of Hindu temples have so developed due to broad geographical, climatic, cultural, racial, historical and linguistic differences between the northern plains and the southern peninsula of India since thousands of years. …

शारदीय नवरात्रि की श्रेष्ठता और ज्योतिष

शारदीय नवरात्रि की श्रेष्ठता और ज्योतिष by Dr. Jitendra Vyas   वैदिक सूर्यसिद्धांत, भारतीय काल गणना का मूल है, कम ही लोगों को पता होगा की हमारे सावनमान के एक संवत्सर में 360 दिन ही होते हैं अतः 360÷9 = 40 नवरात्र तो इस प्रकार एक सावनमान के एक वर्ष में चालीस नवरात्र का विधान है। इन 40 नवरात्रों में …

रुद्राक्ष के वैदिक नियम-फल व गुण की वैज्ञानिकता

रुद्राक्ष के वैदिक नियम-फल व गुण की वैज्ञानिकता by Dr. Pt. Jitendra Vyas रुद्राक्ष यह अमूल्य फल ऋषियों के शरीर की शोभा रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है एवं यह हर प्रकार से मनुष्य जाति के लिए उपयोगी है, रुद्राक्ष के धार्मिक, वैज्ञानिक व आयुर्वेदिक महत्व भी है अतः इस blog में मैंने रुद्राक्ष के विषय में …