कुण्डली का आठवां भाव : एक सकारात्मक भाव

कुण्डली का आठवां भाव : एक सकारात्मक भाव :-  ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास

 ज़्यादातर ज्योतिषी यह मानते है,और ऐसी धारणा है की, कुण्डली का अष्टम भाव एक खराब और ऋणात्मक भाव है,लेकिन आज हमने इस भाव के कुछ सकारात्मक पहलू इस ब्लॉग में परिलक्षित किए हैं। कुंडली का अष्टम (8) भाव मृत्यु का घर होता है कुंडली का 8 भाव वस्तुतः आयु का घर होता है और इस भाव के कारक शनि देव8th-H होते है मौत का घर असल में अष्टम + सप्तम होता है क्योंकि 8 भाव आयु भाव से वो 12 हो जाता है इसलिए 7 भाव को मारक भाव कहते है इस तरह से 8 से 8 होने के कारण 3 भाव भी आयु का होता है पर 8 से 2 भाव 12 हो जाने के कारण वो मारक हो जाता है इसलिए 3 भाव और 8 भाव आयु के होते है और 2 भाव और 7 भाव मारक भाव होते है।

कुंडली का 8 भाव हमको यह बता देता है इस इंसान की आयु ईश्वर ने कितनी निर्धारित कर रखी है और यह इंसान इस पृथ्वी पर कितने साल जीवित रहेगा इसके लिए 8 भाव और उसके कारक शनि को देखा जाता है ,कालपुरुष की कुण्डली का 8 भाव आपके नाभि से नीचे के स्थान अर्थात गुदा को इंगित करता है,वो कितने हष्ट पुष्ट है,बीमारी युक्त है।

कुंडली का 8 भाव इंसान को एक अदभुत सोच और परिलोकिक ज्ञान भी देता है “इंट्यूशन पावर” भी यही से मिलती है इंसान किसी भी चीज़ को बहुत गहराई से सोचकर उस चीज़ पर मंथन करता है कुंडली का 2 भाव का स्वामी या पंचम भाव का स्वामी अगर 8 भाव में हो इंसान किसी न किसी चीज़ पर रिसर्च कर लेता है,8 भाव का स्वामी अगर 8 में हो या पंचमेश का सम्बन्ध 8 भाव से 8 भाव के स्वामी और कारक शनि से हो जाय ऐसा इंसान एक दिन बहुत बड़ा तपस्वी या ऐसी बीमारियों को भी ठीक करने वाला बन जाता है जिसका इलाज बड़े से बड़े डॉक्टर के पास नहीं होता किसी भी चीज़ को बहुत गहराई से समझने के लिए 8 भाव का मझबूत होना भी बहुत जरुरी होता है

जब यह भाव कुंडली में बहुत मझबूत होता है इंसान पारिवारिक बंधन और सब रिश्तों से हटकर कुछ अलग करता है वो इस दुनिया के लिए एक मिसाल बनकर भी दिखा सकता है

यह भाव समुंद्री यात्राओं का भी भाव होता है और कई बड़ी बड़ी समुंद्री यात्रा का विचार भी इस भाव से किया जाता है,

8 भाव से इंसान को गड़ा धन भी प्राप्त होता है वो ज्ञान के रूप में भी हो सकता है अलौकिक शक्तियों के रूप में भी हो सकता है और कुछ इंसान जीवन में ऐसा कर जाय जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की है उस तरह का भी हो सकता है ,

जिसका 8 भाव बहुत ज्यादा मजबूत हो और उस पर उस भाव के स्वामी की दशा हो ऐसा इंसान जो  बोलेगा वो सच हो जायेगा 8 भाव से रहस्यमयी ताक़त निकलकर वाणी स्थान को देखती है जो की उसके मुह से निकली बात को सच कर देती है ,

कुंडली में इस भाव से बड़ी बड़ी तपस्या की जा सकती है कोई बड़ा रिसर्च किया जा सकता है और जीवन में मॉनव समाज की कोई बड़ा अविष्कार करके भी दिया जा सकता है ,यह भाव अगर बहुत ही ज्यादा मजबूत हो तो इंसान एक अच्छा  ज्योतिषी एक अच्छा साइंटिस्ट,एक अच्छा तांत्रिक या फिर इस दुनिया से भी जो बाहर एक दुनिया है उसको समझ सकता है । ऐसा इंसान में ईश्वर की दी हुई शक्तियां होती है पर उसको योग और साध्ना से जगाना पड़ता है, अगर यह भाव खराब होगा आपकी आयु कम हो जाएगी आपको गुप्त रोग बवासीर के रोग और काफी गुप्त रोगों से झुंझना पड़ जाएगा आपके घर चोरी डकैती पड़ जायगी परिवार और समाज से आपका बहिष्कार हो जायेगा आप किसी एक चीज़ के पीछे पागल हो जाओगे और कुछ समझ नहीं आयेगा आपको मानसिक परेशानी हो जायेगी काम कुछ बचेगा नहीं और ठोकरे खाओगे,आपके बड़े बड़े नशे की लत लग जाएगी और जीवन एकांत में ही खत्म हो जायेगा ,अब भाव भावेश और कारक कैसे है, तभी इस भाव के बारे में आप अच्छे से जान सकते है।

BlogNo. 98,Date: 1/9/2017

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