आज के समय में विवाह सम्बन्धी समस्याएँ सर्वाधिक हो रही हैं। आज में सिर्फ विवाह में हो रही देरी के बारे में बात करूंगा । जन्मपत्रिका में विवाह में देरी के कई कारण होते है,
- यदि किसी जातक की कुंडली में विवाह का तथा कुटुम्ब का कारक प्रताड़ित हो,
- वक्री हो या फिर नवमांश कुंडली में लग्नेश प्रताड़ित हो,
- सप्तमेश का षडाष्टक (तीन प्रकार से ) हो विवाह में अवश्य देरी होती है,
यदि उपरोक्त एक समीकरण कुंडली में बन रहा हो तोहो तो जातक का विवाह 32 वर्ष से पहले नहीं होता है। कुछ या सारे समीकरण यदि लग जाएँ तो विवाह सीमा 36वे वर्ष तक भी जा सकती है, यद्यपि कुछ ओर विशेष परिस्थितियाँ भी होती हैं जिसमें जातक अविवाहित रह जाता है जो कि आपको विज्ञ ज्योतिषी ही बता पाएगा। यदि ऐसी स्थिति हो तो परामर्श के लिए तुरंत सम्पर्क करें।
उपाय : 1. शीघ्र षडाष्टक तोड़े, उसका निस्तारण करवाएँ ।
2. सप्तमेश का बीसा यंत्र पहनें.
Dr. Jitendra Vyas
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