शंख: एक वैज्ञानिक, ज्योतिषीय और धार्मिक उपकरण

शंख: एक वैज्ञानिक, ज्योतिषीय और धार्मिक उपकरण by Dr. Jitendra Vyas शंख एक सागर के जलचर का बनाया हुआ ढाँचा है, जो कि ज्यादातर दक्षिणावर्त में बना होता है। यह हिन्दू धर्म में अति पवित्र माना जाता है। यह धर्म का प्रतीक माना जाता है। यह भगवान विष्णु  के दायें हाथ में उपर की ओर शोभा पाता दिखाया जाता है। धर्मिक अवसरों पर …

दीपावली में अग्निक्रीड़ा (दीप/पटाखे) क्यों आवश्यक? सूर्यसिद्धांतीय विश्लेषण

दीपावली में अग्निक्रीड़ा (दीप/पटाखे) क्यों आवश्यक? सूर्यसिद्धांतीय विश्लेषण blog written by Dr. JitendraVyas आज सनातन धर्म के प्रत्येक त्योहार को तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग विवाद में घसित लेता है, आज दीपावली भी इससे अछूता नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने अग्निक्रीड़ा अर्थात पटाखे इत्यादियों पर रोक लगा दी है, मीडिया का एक वर्ग, छद्म हिन्दू और छद्म सांप्रदायिक लोगों ने सनातन  त्योहारों …

वैवाहिक जीवन के मुख्यदोष एवं निवारण

वैवाहिक जीवन के मुख्यदोष एवं निवारण blog by Dr. Jitendra Vyas विवाह (पाणिग्रहण) संस्कार भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण संस्कार है। यह मनुष्य को परमात्मा का एक वरदान है। कहते हैं, जोड़ियां परमात्मा द्वारा पहले से ही तय होती हैं लेकिन सच तो यह है कि, आपके पूर्व जन्म में किए गए पाप एवं पुण्य कर्मों के अनुसार ही जीवन …

गुण-मिलान (विवाह मेलापक)कितना प्रासंगिक?

गुण–मिलान (विवाह मेलापक)कितना प्रासंगिक? blog by Dr. JitendraVyas  प्राचीनतम महर्षियों ने वर-वधू के सफल वैवाहिक जीवन के लिया मेलापक (गुण-मिलान) को महत्वपूर्ण माना है। ज़्यादातर लोग और तो और कई ज्योतिषी भी यही जानते हैं कि मेलापक अर्थात अष्टकूट मिलान का आधार 36 गुण है। विवाह के लिए कम से कम 18 गुण मिलने चाहिए। लेकिन आज मैं आपको बता …

असाध्य रोगनाशक देवीमन्त्र

असाध्य रोगनाशक देवीमन्त्र blog by Dr. Jitendra Vyas   आज एक अद्वितीय ब्लॉग आप सभी के लिए मैंने लिखा है, यदि किसी जातक को असाध्य रोग हो गया है,अर्थात वह रोग जिससे वह सदैव परेशान रहता है, और उपाय के नाम पर दवाई,डाँक्टर से बार बार मिलने का झंझट, लेकिन फिर भी कोई फर्क महसूस नहीं हो रहा है, तो …

दशाबोध और योगिनी दशाफल

दशाबोध और योगिनी दशाफल blog by Dr. Jitendra Vyas जातक की दशाएँ 32 प्रकार की होती है, विंशोत्तरी, अष्तोत्तरी, योगिनी, षोडशोत्तरी, चर, निसर्ग, द्दशोत्तरी, कालचक्र, पंचोत्तरी, शतवार्षिकी, काल, चक्र, चतुरशीतिमसा, अष्टमवर्ग, द्विसप्तमीसा, शट्त्रिंशद् वर्षा, स्थिरदशा, योगार्ध, अंशायु, पिंडायु, केन्द्रदशा, कारक, मंडूक, शूल, त्रिकोण, दृग, ब्रहम, राशि, पञ्चस्वरा, संध्या और पालक ।  आज के समय में अल्पज्ञानी ज्योतिषी विंशोंत्तरी दशा से …

शिवस्वरूप एवं ज्योतिष

शिवस्वरूप एवं ज्योतिष ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव के दस प्रमुख अवतार, यह दस अवतार इस प्रकार है जो मानव को सभी इच्छित फल प्रदान करने वाले हैं- 1. महाकाल- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पहला अवतार महाकाल नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का महाकाल स्वरुप अपने भक्तों को भोग और मोक्ष प्रदान …

सम्पूर्ण पंचक निरूपण

सम्पूर्ण पंचक निरूपण blog written by डॉ. जितेन्द्र व्यास भारतीय ज्योतिष में पंचक को अशुभ माना गया है। इसके अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। पंचक के दौरान कुछ विशेष काम करने की मनाही है। ये हैं पंचक के प्रकार 1. रोग पंचक रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहलाता है। इसके …