शास्त्रार्थ निषेध बिन्दु blog written by डॉ. जितेन्द्र व्यास पूजा साधना करते समय बहुत सी ऐसी बातें हैं जिन पर सामान्यतः हमारा ध्यान नही जाता है लेकिन पूजा साधना की दृष्टि से ये बातें अति महत्वपूर्ण हैं | 1. गणेशजी को तुलसी का पता छोड़कर सब पत्ते प्रिय हैं, भैरव की पूजा में तुलसी का ग्रहण नही है| 2. कुंद का …
नवरात्रि पूजन की सम्पूर्ण विधि
नवरात्रि पूजन की सम्पूर्ण विधि ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास घट स्थापना प्रतिपदा तिथि के पहले एक तिहाई हिस्से में कर लेनी चाहिए। इसे कलश स्थापना भी कहते है।कलश को सुख समृद्धि , ऐश्वर्य देने वाला तथा मंगलकारी माना जाता है। कलश के मुख में भगवान विष्णु, गले में रूद्र, मूल में ब्रह्मा तथा मध्यमें देवी शक्ति का निवास माना …
मानसिक शान्ति के लिए औषधि अनुष्ठान कैसे करें?
मानसिक शान्ति के लिए औषधि अनुष्ठान कैसे करें? ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास औषधीय हवन द्वारा असाध्य रोग भी कट सकता है। मानसिक पीङा,प्रमेह,पागलपन, वहमीपन यह सभी रोग चन्द्रमा की देन हो सकते है क्योंकि चंद्रमा का मन से सीधा संबंध है। अतः मानसिक रोगों, मनोविकृतियों, मन में संचित विषों आदि उष्णताओं का शमन चन्द्र यंत्र तथा गायत्री मंत्र से …
गौसेवा से वास्तु दोषों का निवारण
गौसेवा से वास्तु दोषों का निवारण:- ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास 1) महाभारत के अनुशासन पर्व में कहा गया है कि “निविष्टं गोकुलं यत्र श्वांस मुंचति निर्भयम्। विराजयति तं देशं पापं चास्याप कर्षति” अर्थात गाय जहां बैठकर निर्भयतापूर्वक सांस लेती है, उस स्थान के सारे पापों को खींच लेती है। 2) पशु रूप में गाय सृष्टिमातृका कही जाती है। गाय …
कुण्डली का आठवां भाव : एक सकारात्मक भाव
कुण्डली का आठवां भाव : एक सकारात्मक भाव :- ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास ज़्यादातर ज्योतिषी यह मानते है,और ऐसी धारणा है की, कुण्डली का अष्टम भाव एक खराब और ऋणात्मक भाव है,लेकिन आज हमने इस भाव के कुछ सकारात्मक पहलू इस ब्लॉग में परिलक्षित किए हैं। कुंडली का अष्टम (8) भाव मृत्यु का घर होता है कुंडली का 8 …
मंगल दोष कितना मांगलीक है?
मंगल दोष कितना मांगलीक है? blog by Dr. Jitendra Vyas वर-कन्या के मांगलीक दोष मिलन हेतु उत्तर भारत के ज्योतिषी जो परिपाटी अपना रहे है ,वह बहुत त्रुटिपूर्ण है ,जबकि दक्षिण भारत में प्रचलित परिपाटी बहुत उत्तम,स्पष्ट,सराहनीय एवं अनुकरणीय है | उत्तर भारत में यह परिपाटी है कि “लग्ने वये च पाताले जामित्रे चा अष्टमे …
किस तिथि को क्या निषेध?
किस तिथि को क्या निषेध? ब्लॉग by डॉ. जितेन्द्र व्यास प्रतिपदा तिथि : प्रतिपदा तिथि में गृह निर्माण, गृह प्रवेश, वास्तुकर्म, विवाह, यात्रा, प्रतिष्ठा, शान्तिक तथा पौष्टिक कार्य आदि सभी मंगल कार्य किए जाते हैं. कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा में चन्द्रमा को बली माना गया है और शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में चन्द्रमा को निर्बल माना गया है. इसलिए शुक्ल …
फलित में जन्मांग के इतर षोडशवर्ग भी महत्वपूर्ण
फलित में जन्मांग के इतर षोडश वर्ग भी महत्वपूर्ण blog by डॉ. जितेन्द्र व्यास आज भौतिक व संघर्ष युग में ज्योतिष सबसे तेज से व्यवहार में आने वाला विषय है, प्रतिदिन ज्योतिषी भी बढ़ते जा रहे हैं, कुछ सूत्रों को पढ़कर व जानकार ही कोई भी ज्योतिषी बन बैठता है, वह लोग मात्र जन्मांग कुण्डली का विश्लेषण करके ही फलित …
कुण्डली के दोष और उनका निवारण
कुण्डली के दोष और उनका निवारण blog by Dr. Jitendra Vyas 1).चांडाल योग- गुरु के साथ राहु या केतु हो तो जातक को चांडाल दोष है 2).सूर्य ग्रहण योग- सूर्य के साथ राहु या केतु हो तो 3). चंद्र ग्रहण योग- चंद्र के साथ राहु या केतु हो तो 4).श्रापित योग – शनि के साथ राहु हो तो दरिद्री योग …
विवाह मेलापक में हस्त रेखाओं का मिलान भी आवश्यक
विवाह मेलापक में हस्त रेखाओं का मिलान भी आवश्यक blog by Dr. Jitendra vyas आज के भौतिकतावादी समाज में विवाह का मिलान परिवारों की समृद्धि, धन व सपप्ति इत्यादि से होता है, लेकिन विवाह के पर्यन्त वर-वधू के आपसी संबंध ही उनके विवाह टिकने के लिए मूलभूत कारण होते हैं, वैसे तो अष्टकूट गुणमिलान एक सर्वप्रसिद्ध तरीका है मेलापक का, …