Sapno Ka Rahasya

सपनों का रहस्य by डॉ. जितेन्द्र व्यास  

Date: 30/4/2015  Blog: 17

girl-dreaming2 स्वप्न शकुन का लक्षण व स्वरूप:- स्वप्न शकुन का सामाजिक जीवन में अति विशेष महत्व रहा है।प्रत्येक मानव स्वप्न देखता है, जीवन का हर पल स्वप्न शकुन से जुड़ा है। भविष्य मे घटने वाली घटनायों का पूर्व अनुमान लगाने के लिए इस विशेष विद्या का प्रयोजन है। सर्व प्रथम ये जनना आवश्यक है कि स्वप्न क्या है? उसे देखने का काल क्या है? उसके फल का  परिपक्व काल क्या है? और ये कितने प्रकार का होता है? शास्त्रकारों ने कहा है कि– जिस समय, काल में मनुष्य की पञ्चकर्मेन्द्रियां, पञ्चज्ञानेंद्रियां और मन ये सभी स्वक्रिया करती हो उनके विभिन्न प्रकार का ज्ञान का स्त्रोत भी कार्य करना बंद कर दे उस समय काल को स्वप्न काल कहते हैं।

स्वप्न दो प्रकार के होते हैं

(अ) इष्टफल(शुभ) जानने वाला (ब) दुष्टफल(अशुभ) जानने वाला।

यथा-               “सच स्वप्नोंद्विविध: इष्टफलो निष्टफलोश्चेति”

जिस प्रकार सपने के दो शुभाशुभ भेद हैं, उसी प्रकार उनके शुभाशुभ फल का प्रहर भेद भी होता है।  रात के प्रथम प्रहर में सपने आये तो उसका शुभाशुभ फल एक वर्ष के भीतर मिल जाता है। दूसरे प्रहर के सपने का फल आंठ महीनों में होता है, तृतीय का तीन व चोथे का एक महीने में होता है। रात्रि की चार घड़ी शेष रहे तब यदि सपना आये तो उसका फल दश दिनों में मिलता है। गोविसर्जन काल के सपने का फल तुरन्त मिलता है। यदि आपने कोई शुभ फल वाला सपना देखा है तो उसे सिर्फ माता व गुरु को ही बतायें अन्यथा उसका फल कुंठित होता जाता है।

(अ) इष्टफल(शुभ) बोधक स्वप्न – सर्वप्रथम सर्वसामान्य स्वप्न शकुन का फल इस प्रकार है, सपने में किसी नदी या समुद्र में तेरना, आकाश में उड़ना, ग्रहों व तारों को देखना, अग्नि को देखना, बड़े महलों को देखना, मंदिरों को देखना व उच्चें पहाड़ों पर चढ़ना सभी कार्य की सिद्धि कारक होते हैं ऐसे सपने मनुष्य के कल्याण कारक होते हैं।  सपने में यदि देवता, ब्राह्मण, चंद्रमा, भूमी, कमाल, मंत्री, स्त्री ,चाँदी, गहनें, इत्यादि को देखना व हिमाचल के पर्वत, दूध के  फल के वृक्ष पर चढ़ना तथा रास्ते में मांस, पुष्पमाला व जल का मिलना ये सब वस्तुएँ सपने में देख लेने से लाखों-करोड़ों का लाभ होता है, और यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो उसका रोग ठीक हो जाता है।

सपने में शराब पीना मांस व चर्बी खाना, कीड़े खाना, दहिभात खाना, चन्दन ना लगाकर शरीर पर विष्ठा व खून का लेपन करना, गहनें पहनना या किसी गहनें पहने हुए व्यक्ति को देखना यशी स्वप्न मनुष्य के धन-धान्य व लग्जरी मे वृद्धि करते हैं।सपने में अपना आसन, बिस्तर, पालकी,किसी की मृत देह, बड़ी गाड़ी, ताश के पत्ते इत्यादि को जलते हुए देखना चारों ओर से लक्ष्मी आने का संकेत है। जो सपने में चंद्रमा को देखे वही निरोगी हो जाता है, यदि कोई ब्राह्मण सपने में अपना आप को खून या शराब पिता हुया देखे तो इसका अर्थ है की वह अपने इंटरव्यू/ एक्जाम में सफलता पा लेगा, यही सपना यदि कोई ओर वर्ण का मनुष्य देखे तो उसे अत्यधिक लक्ष्मी प्रपट होती है। जो व्यक्ति स्वयं को सपने में घर या शहर के बीच अग्नि से घिरा देखे ओर सपने में पान, कपूर, सफ़ेद चन्दन-सफेदपुष्प मिले तो जल्दी ही बहुत बड़ी प्रोपर्टी/जमीन मिलने वाली है।

(ब) दुष्टफल(शुभ) बोधक स्वप्न – शौनक ऋषि ने अशुभ फल जानने के भी सपने बतायें जो इस प्रकार है- सपने में तारों को गिरते देखना मरण व शोक का कारण होता है। जो मनुष्य अशोक, कनेर व पलाश के वृक्ष में पुष्प लगे देखे या लाल वस्त्र पहनें व लाल चन्दन लगाएं स्त्री को स्वयं को नहलाते हुए देखे तो मरण व शोक का कारण होता है। जो व्यक्ति सपने में तेल, दूध, घी व दही इत्यादि को अपने शरीर पर लगाए तो वह असाध्य रोग से ग्रसित होगा यह जानले। यदि किसी स्त्री के सम्पूर्ण केश व दाँत गल गिर जाए तो ऐसा सपना संतान हानी देने वाला होता है। सपने में गधे, ऊंट, बकरी पर बेठना महारोगी बनाता है।

 

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