मणिबन्ध से भविष्यफल By Dr. Jitendra Vyas
सभी लोग अपनी कुण्डली, हाथ या अन्य प्रकार के साधनों से भविष्य जानने के इच्छा रखते हैं। अतः आज मैं ऐसे बिन्दु द्वारा इस Blog में मणिबन्ध से भविष्य कथन करूंगा जहां सामान्यतया भविष्य फल कथन की प्रथा नहीं है। सभी फल कथन हमारे पौराणिक व वैदिक संदर्भों के अनुसार हैं। मणिबन्ध क्या होता है? मनुष्य का हाथ कलाई से आरम्भ होता है वहां कलाई पर भीतर की और (हथेली की तरफ) जो रेखाएँ होती हैं उन्हें संस्कृत में ‘मणिबन्ध’ या ‘पाणिमूल’ कहते हैं। मणिबन्ध की हड्डियाँ दिखाई नहीं देनी चाहिए और यह जोड़ यदि दृढ़ हो अच्छे भाग्य का लक्षण है। इस भाग पर यदि पूरी तीन रेखाएँ हो तथा कन्ही से खंडित न हो तो ऐसा जातक धन-संपदा व भूमि का मालिक होता है। यदि इन रेखायों पर यवमाला अर्थात् जौ के दाने की आकार की लड़ियाँ स्पष्ट हो तो ऐसा जातक बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है।
यदि कलाई पर दो रेखाएँ हो उस पर यवमाला अर्थात् जौ के दाने की आकार की लड़ियाँ निरंतर व सुंदर बन रही हों तो जातक मंत्री या समकक्ष पदासीन अधिकारी का सलाहकार होता है। अर्थात् सेक्रेटरी (राज्य या विदेश सचिव) होता है।
यदि कलाई पर एक रेखा हो उस पर यवमाला अर्थात् जौ के दाने की आकार की लड़ियाँ निरंतर व सुंदर बन रही हों तो जातक प्रतिष्ठित, धनी व भोगी होता है। ध्यान रहे कि प्रथम तो, रेखाएँ पूरी होनी चाहिए, दूसरा उस पर यवमाला पूरी व सुंदर होनी चाहिए, तीसरी की यवमाला कलाई के चारों ओर हो तो फलों में अधिकता रहती है, अन्यथा फल न्यून समझना चाहिए।
मणिबन्ध पर चिन्ह से फलादेश- (1) यदि हाथ में प्रथम मणिबन्ध रेखा में ‘तारे’ का चिन्ह हो तो विरासत से धन मिलता है अर्थात् पुश्तेनी पैसे वाला होता है। यही चिन्ह यदि हाथ में कहीं और हो तो यह उपरोक्त फल समाप्त हो जाता है, वह जातक व्याभिचारी प्रवृति का होता है।
(2) सुन्दर पहले मणिबन्ध रेखा पर यदि ‘क्रॉस’ का चिन्ह हो जवानी (जीवन का पहला भाग) दुख व कठिनाई में तथा बुढ़ापा सुख में गुजरता है। और यदि इसी रेखा पर ‘क्रॉस’ या कोण का चिन्ह हो तथा वहाँ से रेखा शुक्र या गुरु पर्वत कि ओर जा रही हो तो ऐसे जातक विदेश में ही सफल हो पाते हैं, इन्हें विदेश यात्रा से ही धन लाभ होता है।
(3) यदि प्रथम रेखा के मध्य में त्रिकोण का चिन्ह हो तो बुढ़ापे में पुश्तेनी जायदाद मिलती है, यदि त्रिकोण में क्रॉस का चिन्ह हो तो अपने बच्चों से या अपने उत्तराधिकारी से धन प्राप्त होता है।
स्त्रियों का विशेष फलित- (1)स्त्रियों के विषय में मणिबन्ध यदि रेखायुत, सम्पूर्ण और सुन्दर हो तो ऐसी स्त्री भाग्यशालिनी होती है। खूब रत्न व आभूषणों कि मालकिन होती है। यदि मणिबन्ध रेखा अच्छी हो परंतु जीवन रेखा अच्छी न हो तो भाग्य तो अच्छा रहेगा लेकिन स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहेगा।
(2) यदि स्त्रियों के हाथ में मणिबन्ध कि प्रथम रेखा हथेली की ओर बढ़ी हुई हो और उसी गोलाई लिए हुए हो तो प्रसव कठिनता से होता है। यदि मणिबन्ध की प्रथम रेखा श्रन्खलाकर हो तो चिंताकार जीवन रहता है किन्तु अंतिम परिणाम अच्छा प्राप्त होता है।
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Dr. Jitendra Vyas (Astrologer)
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