स्त्री सौभाग्य की रक्षा
स्त्रियाँ अपने सुहाग को लेकर हमेशा चिंतित रहती हैं, जो की स्वभाविक चिंता है वह अपने पति के साथ खुश रहें और उनका सुहाग बना रहे इसके लिए वे सदैव कामना करती रहती हैं। आज मैं अपने इस BLOG में मेरी रिसर्च के द्वारा शोधित सभी सरल उपाय बताऊंगा जिससे स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा कर सके। इसके लिए वैसे तो परंपरागत कुंडली मिलान होता है, परंतु मेरा मानना है कि केवल कुण्डली के गुण व मंगल मिलान कर लेने मात्र से दोनों पति-पत्नी का जीवन अनुकूल नहीं होता। यदि कुंडली मिलान के बावजूद भी पति की सेहत पर कुछ विपरीत प्रभाव पड़े तो मेरे ज्योतिष शोधानुसार पत्नी अपनी कुण्डली के लग्न अनुसार अपने पति का रक्षा कवच बना सकती है और अपने अखण्ड सौभाग्य की रक्षा कर सकती है।
***मैंने यह निम्नलिखित उपाय कुण्डली के जंमांग, नवमांश व त्रिशांश चक्रों के अनुसार सुझाए हैं।
1) मेष लग्न की स्त्री के पति व सौभाग्य स्थान का आधिपति (मालिक) क्रमशः शुक्र व मंगल होता है, अतः मेष लग्नधारी स्त्रियों को अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए लाल वस्त्र अधिक पहनें चाहिए, सिंदूर व काजल का प्रयोग प्रतिदिन करें तथा भोजन बनाकर 1-1 रोटी क्रमशः गाय, कुत्ते व कोवे को खिलाएँ।
2) वृषभ लग्न की स्त्री के पति व सौभाग्य स्थान का आधिपति (मालिक) क्रमशः मंगल व गुरु ग्रह होते हैं, अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए पीली बिंदी का प्रयोग करें, गुरु, माता, साधू-संतों व मुख्य रूप से विकलांगों की सेवा करें।
3) मिथुन लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह गुरु व शनि होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए शनिवार को काले तिल का तेल किसी जरूरतमंद दरिद्र को दान करें व तीन गुरुवार 51 तांबे के सिक्के बहते जल में प्रवाहित करें।
4) कर्क लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह शनि व बुध होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए नाक में आभूषण अवश्य पहनें, हिंजड़ों को हरी चुड़ियाँ, हरे वस्त्र व सुहाग का सामान दान करें।
5) सिंह लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह गुरु, शनि व राहू होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए छोटी चाँदी की कटार अपने पास रखें, आम के पेड़ में तेल सीचें व आम का अचार दान करें।
6) कन्या लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह मंगल व गुरु के साथ केतू भी ज़िम्मेवार होता हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए स्कूली बच्चों को पेन, बैग व किताबें दान करें और घर में कुत्ता पालें।
7) तुला लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह गुरु व मंगल होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए मिट्टी के बर्तन दान करें, प्याऊ खुलवायेँ तथा पुष्कर स्थित ब्रह्मा मंदिर के दर्शन अवश्य करें।
8) वृश्चिक लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह गुरु, केतू व शुक्र होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए रात्री में झाड़ू कभी न लगाएँ, घर में मछलीघर रखें या बाहर मछ्ली व कछुए दोनों को दाना डालें।
9) धनु लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह शनि, चन्द्र व बुध होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए हाथी को हरा चारा, काले कुत्ते को काला तिल व काली गाय को मूंग खिलाएँ। दूध से बने पकवानों का दान करें।
10) मकर लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह सूर्य व चन्द्र होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए अपनी चारपाई के चारों तरफ चाँदी की कीलें ठोक दें, पति के अंगूठे से जल पीयेँ।
11) कुम्भ लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह सूर्य व बुध होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए वटवृक्ष की पूजा व सत्यनारायण कथा करें। रविवार को अखण्ड सौभाग्य की कामना करते हुए तांबे के पात्र में लाल गेंहू भरकर दान कर दें।
12) मीन लग्न वाली स्त्रियों के सौभाग्यरक्षक ग्रह मंगल, बुध व शुक्र होते हैं अतः ऐसी स्त्रियाँ अपने सौभाग्य की रक्षा के लिए अपने नौकर या उसके समकक्ष व्यक्ति को पीड़ा न दें। वाल्मीकि रामायण के किष्किंधा कांड के अंतिम दो सर्गों का पाठ करें।
***ऐसे सभी ज्योतिषीय सूत्र आप मेरी पुस्तकें में से पढ़ सकते हैं जो मेरी वैबसाइट पर उपलब्ध है।
Regards
Dr. Jitendra Vyas
(Astrologer/ Author/ Columnist)
“Matra Aashirwad Jyotish Sansthan”
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