Arvind Kejriwal ka Bhavishya

अरविंद केजरीवाल का भूत व संभावित भविष्यफल By डॉ. जितेन्द्र व्यास  

arvind kejriwal   अरविंद केजरीवाल का वृषभ लग्न और वृषभ राशि की पृष्ठ भूमि है अतः छोटी कद-काठी व छर-छरा बदन है। लग्नेश शुक्र    चतुर्थ भाव में चतुर्ग्रही (बुध, सूर्य व गुरु के साथ) है। सूर्य ग्रह इंजीनिरींग का कारक ग्रह है, इनके प्रारम्भिक व उच्च शिक्षा        का मालिक बुध सूर्य के साथ विराजित है, वहां शुक्र ग्रह भी विराजित है, अतः इन्होंनें मेकेनिकल इंजीनिरींग में अपनी शिक्षा    पूरी की। सूर्य ग्रह के केंद्र में स्वगृही होने से तथा दशमेश शनि के द्वादश भाव में नीचभंग करने के कारण ही, बाद में वह          IRS के लिए चयनित हुए क्योंकि जॉब और पद का मालिक शनि नीचभंग राजयोग बना कर 12th भाव में विराजित हैं  तथा    यही शनि नवमांश कुंडली में भी नीच के ही हैं। चूंकि लग्न व नवमांश में शनि नीचगत हैं अतः शनि ग्रह के कारण इन्होने        पद मिलने पर भी अपनी IRS की job छोड़ी तथा बाद में मुख्यमंत्री पद भी छोड़ा। सप्तमेश मंगल भी लग्न कुंडली में नीच        का है परंतु नवमांश में यही मंगल स्वगृही है और नीचभंग भी कर रहा है, अतः पत्नी भी उच्च पदासीन अर्थात IRS ही

मिली। अरविंद को 2004 से 2020 तक गुरु ग्रह की गजकेसरी योग (उच्च का चंद्रमा लग्न में है तथा बृहस्पति चतुर्थ भाव में होने से गजकेसरी राजयोग बना है) की दशा चल रही है, इस दशा में अरविंद को 11 Awards मिले जिसमे मेगसेसे अवॉर्ड भी शामिल था, श्री केजरीवाल ने 2 पुस्तकें भी लिखी हैं और इसी समय में उनके उपर 3 बायोग्राफी भी लिखी गयी हैं।

 

लग्न कुण्डली सीएम

सी एम की नवमांश कुंडली  अरविंद को 26/6/2012 से 1/3/2015 तक वर्गोत्तम शुक्र      की अंतर्दशा लगी हुए थी। ध्यान रहे कोई ग्रह यदि वर्गोत्तम हो  तो वह ग्रह अपने फलित (फलों को) में कई गुना इजाफा कर    देता तथा अन्य किसी भी ग्रह से कई गुना अधिक लाभ देता है।    इसी वर्गोत्तम शुक्र की दशा करीब 2 साल 7 महीने (960 दिन)    चली है अतः इसी Period में

1) 2012 में अरविंद ने अपनी राजनैतिक पार्टी launch की।

2) 28th Dec 2013 को दिल्ली के CM बने।

3) पद भंग कारक शनि के कारण 14th FEB 2014 को CM       पद से इस्तीफा दिया।

4) फिर इसी वर्गोत्तम शुक्र के कारण 14th FEB 2015 को पुनः                                                                                        सीएम पद की शपथ ली।

अब मार्च 2015 को इस शुक्र की अंतर्दशा निकल चुकी है अतः पार्टी के अंदर गुटबाजी चालू होगी। पार्टी के लोग अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध होंगे। पार्टी के दो धड़े हो जाएंगे, लेकिन फिर भी केजरीवाल अपने कार्यकाल को पूरा करेंगे, जो की 2020 तक का है और इनके राजयोग गजकेसरी गुरु की दशा भी 2020 तक की है। 2020 के बाद शनि की महादशा लगेगी शनि में शनि का अंतर अरविंद का पद भंग करेगा यह मेरी भविष्यवाणी है की शनि की उस अंतर्दशा में इनका राजनैतिक पतन अवश्य हो जाएगा।

Regards:

Dr. Jitendra Vyas

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