Avaguni Striyon ke Lakshan

सामुद्रिक शास्त्र व लक्षण शास्त्र के अनुसार विरुक्त / अवगुणी स्त्रियों के लक्षण

जिस प्रकार मैंने सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार पिछले BLOG में अनुरक्त स्त्री के मनोभाव कहे गये हैं, उसी प्रकार विरुक्त (दुष्ट व अवगुणी) स्त्रियों के लक्षण भी मेरे इस BLOG में मैंने बताने का प्रयास किया है। आचार्य वराहमिहिर के अनुसार – जो स्त्रियाँ अधिक सोती हैं, छोटे केशों वाली होती है, अस्पष्ट बोलने वाली होती है, रात्रि के समय अपने पति या प्रिय को पीड़ा देने वाली होती है ऐसी स्त्री को अपने जीवन में प्रवेश नहीं देना चाहिए तथा त्याग देने चाहिए। जो स्त्री अपने प्रिय पे भृकुटी चढ़ाती है। पति के चूमने पर मुह पोंछ लेती है, पति के सोने से पहले सो जाती है और बाद में जागती है, पति की तरफ से मुँह फेर लेती है, पति या प्रिय के किए उपकारों व प्रशंसनिय कार्यों को भूल जाती है, पति का अनादर करती है, बड़ी कठिनता से संतुष्ट होती है, पति या प्रेमी के शत्रुओं से मित्रता करती है, कड़वा बोलती है, अभिमान करती है, पति को देखकर रोग का बहाना करती है, बाहर जाने के लिए तैयार पति को नहीं रोकती है ये सभी विरुक्त स्त्रियों की चेष्टाएँ हैं अर्थात् ऐसी स्त्रियाँ अवगुणी व दुष्ट चेष्टायों वाली होती हैं, अपने पति को भी नहीं चाहती है। अतः मेरे हिसाब से अनुरुक्त व विरुक्त स्त्रियों की परीक्षा करके ही उनका चयन करना चाहिए।

Regards

Dr. Jitendra Vyas

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